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हे नर! उठो कर्म पर लग जाओ….

jagrit
jagrit
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हे नर! हुआ प्रथम प्रहर,
उठो कर्म पर लग जाओ,
दे पटखनी निराशा को,
आशा के दीप जला आओ.

पिछड़ रहा है क्यूँ तू ,
इस पर अभी विचार करो ,
तज आलस्य, अपना कर्म
जीवन में ,
नव ऊर्जा का संचार करो |

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